उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने लक्सर हरिद्वार में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री दिलाए जाने को लेकर उच्च न्यायलय बार एसोसिएशन के पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता से दस दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितम्बर के लिए तय की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने खंडपीठ को बताया कि अभी भी लक्सर के मुख्य बाजार में अतिक्रमण होने के कारण नालियों से पानी की निकासी नहीं हो रही है और वहां दो फीट पानी भरा है। न्यायालय ने उनसे दस दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार, अधिवक्ता सुभर रस्तोगी ने उच्च न्यायलय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.सी.एस.रावत, सचिव सौरभ अधिकारी व अन्य को फोन कर बताया कि लक्सर में बाढ़ आने से उनके क्षेत्र में पानी भर गया है। जिसकी वजह से दूध, पीने का पानी और भोजन की समस्या उतपन्न हो गयी है। इसलिए बार एसोसिएशन इस समस्या को मुख्य न्यायधीश के सम्मुख रखे। इस समस्या को मुख्य न्यायधीश ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की।
अधिवक्ता रस्तोगी व शक्ति प्रताप सिंह ने खंडपीठ को बताया कि लक्सर में चार फीट तक पानी भर गया था, जिसकी वजह से दूध, पानी और भोजन की समस्या उतपन्न हो गयी। पानी भरने से गलियों में साँप और घड़ियाल आने लगे। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री तक नहीं मिल रही है। जो भोजन कैम्प लगाए गए है, उनमें बासी भोजन दिया जा रहा है। उन्होंने न्यायालय से प्रार्थना की है कि, बाढ़ पीड़ितों को जरूरी सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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