हाईकोर्ट ने समझा दर्द, प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा झेल लोगों को दी राहत, 24×7 खुला अस्पताल का गेट

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल के बी.डी.पांडे जिला अस्पताल के बन्द पड़े गेट को खोलने के निर्देश दे दिए हैं। न्यायालय ने अस्पताल प्रबंधन और सरकार से दस नवंबर तक जवाब देने को कहा है।


नैनीताल निवासी 68 वर्षीय याचिकाकर्ता अशोक साह ने न्यायालय में पी.आई.एल.दाखिल कर कहा कि नैनीताल के मुख्य सरकारी बी.डी.पांडे जिला अस्पताल के मल्लीताल छोर के गेट को प्रबंधन ने कोविड काल से बंद कर दिया है। कई पत्र लिखने के बाद भी न तो प्रबंधन और न ही जिला प्रशासन ने इसे खोलने की सुध ली। इससे अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे लोगों को आने जाने में खासी दिखकतें आ रही हैं। मल्लीताल छोर के इस गेट से आने जाने वाली एक बड़ी आबादी के साथ मरीजों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को खड़ी चढ़ाई वाले दूसरे खुले गेट से जाने को मजबूर होना पड़ता है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज ने बताया कि उन्होंने न्यायालय में पी.आई.एल.दाखिल कर अपनी बात रखी जिसमें उन्होंने, बी.डी.पांडे के पी.एम.एस., जिलाधिकारी, सी.एम.ओ.समेत कुल 5 लोगों को पार्टी बनाया था।

उन्होंने कहा कि प्रतिवादी की तरफ से कहा गया कि गेट कोविड काल मे बन्द किये गए थे। आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने अस्पताल के मल्लीताल छोर के गेट को 24×7 खोलने के आदेशों दे दिए हैं। इसके अलावा खंडपीठ ने अस्पताल प्रबंधन और सरकार से दस नवंबर तक जवाब देने को कहा है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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