उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रामनगर के चिल्कीया स्थित कालूसिद्ध में खनन के लिए बनाए गेट को शिफ्ट करने और गाव में अवैध डम्परों संचालन पर रोक संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए नैनीताल के जिलाधिकारी, एस.एस.पी.और रामनगर के एस.डी.एम.को नोटिस जारी कर खनन नीति के तहत कार्यवाही करने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश विपीन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने केंद्र सरकार के पर्यावरण सचिव और राज्य सरकार से 6 दिसंबर तक जवाब में पूछा है कि ईको सेंसटिव जोन में किन नियमो के अंतर्गत खनन की अनुमति दी गई है ?
मामले के अनुसार रामनगर निवासी राजेन्द्र सिंह बिष्ट व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि रामनगर नदी में खनन के लिए कालू सिद्ध में बनाए गए खनन गेट को हटाया जाए। ताकि गाँव में इन डम्परों के संचालन से जो हादसे हो रहे है उनमें रोक लग सके।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कहा कि जनहीत याचिका में कहा गया कि डम्परों की चपेट में आने से स्कूल जा रहे गाँव के 4 बच्चो की मौत हो गई है। जनहीत याचिका में ईको सेंसटिव जॉन में खनन के जो पट्टे दिए हैं, उसपर रोक लगाई जाए। ताकि इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को रोका जा सके और स्थानीय लोग अपनो को न गंवाएं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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