हाईकोर्ट – निकाय चुनाव यथावत होंगे, विजयी प्रत्याशियों का विशेषाधिकार याचिका के अधीन रहेगा..

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने निकाय चुनाव में आरक्षण संबंधी याचिका में अपना निर्णय सुनाते हुए आम चुनाव और उसके परिणाम का रास्ता साफ कर दिया है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने पिछले सप्ताह से हो रही सुनवाई में आज अपना आदेश सुनाते हुए इंटरिम रिलीफ एप्लिकेशन(अंतरिम राहत)को खारिज कर दिया है।

सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत ने बताया कि न्यायालय ने 5 हफ्ते का काउंटर(जवाब)और दो हफ्ते का रिजाउंडर(प्रतिउत्तर) मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 3 मार्च को होनी तय हुई है। उन्होंने कहा कि एकलपीठ ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के तथ्यों और बहस से संतुष्ट होते हुए चुनाव निर्धारित समय से कराने के आदेश दिए हैं।

न्यायालय ने आरक्षण के रोटेशन पर बहस का रास्ता खुला रखते हुए अगली तारीख तय की है। न्यायालय ने दूसरी सिंगल बेंच द्वारा निर्णीत हरबर्टपुर नगर पालिका मामले को छोड़कर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने किसी मामले में कोई स्थगन आदेश नहीं दिया है और अब न्यायालय का आदेश आने के बाद राज्य में चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।


अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि न्यायालय ने चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। कहा कि राज्य चुनाव आयोग और शहरी विकास विभाग चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करेंगे। उन्होने ये भी कहा कि न्यायालय ने विजयी प्रत्याशियों के विशेषाधिकार को याचिका के अधीन रखा है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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