उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा पी.सी.एस.परीक्षा की संशोधित कट-ऑफ अंक सूची में आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को 30 प्रतिशत शैतिज आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दायर दायर याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कट-ऑफ अंक सूची जारी करने की अनुमति आयोग को दे दी है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने के साथ ही मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है।
मामले के अनुसार उत्तर प्रदेश निवासी सत्य देव त्यागी व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर कहा था है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 22 सितंबर 2022 को हुई पी.सी.एस.परीक्षा की संशोधित कट-ऑफ अंक सूची प्रकाशित की। उस सूची के अनुसार, उत्तराखंड महिला आरक्षण अभी भी आरक्षित श्रेणी के पदों पर(एस.सी., ओ.बी.सी., ई.डब्ल्यू.एस.)के लिए लागू किया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कट-ऑफ अंक सूची जारी करें।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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