केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश के कारण केदार घाटी में कई जगह रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभिन्न पड़ावों पर फंसे तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों के सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव कार्यों में तेजी लाने हेतु वायु सेना का चिनूक एवं एमआई 17 विमान से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट किया गया। वहीं मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है।
आपदा में मृतकों एवं गुमशुदा यात्रियों के संबंध में रुद्रप्रयाग प्रशासन द्वारा स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया गया है अभी तक 02 मृतकों के शव बरामद हुए हैं। दोनों ही शव लिंचोली क्षेत्र से बरामद हुए हैं। किसे के गुमशुदा होने की कोई सूचना नहीं है। नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या के कारण यात्रियों को परिजनों से संपर्क करने में समस्या हो रही है।
विभिन्न यात्रा पड़ावों पर ठहरे यात्रियों हेतु प्रशासन के स्तर से पर्याप्त भोजन, पानी व आवासीय व्यवस्था भी की गई हैं।जनपद पुलिस के स्तर से हेल्पलाइन नम्बर 7579257572, 01364-233387 व आपातकालीन नम्बर 112 जारी कर यात्रियों के परिजनों की कॉल्स पर आवश्यक जानकारी दी जा रही है।
आज शुक्रवार को 599 लोगों को हेली सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया, जबकि सोनप्रयाग से जंगलचट्टी के बीच फंसे 2024 तथा चौमासी से 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया। अभी रेस्क्यू बारिश के कारण बंद कर दिया गया है तथा सभी यात्री गण सुरक्षित स्थानों पर रखे गये हैं।
अब तक कुल 7234 यात्रियों को हैलीकॉप्टर एवं मैनुअल तरीके से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, DDRF, वन विभाग, संबंधित जिला पुलिस और फायर एवं इमरजेंसी सेवाएं की टीमें बचाव कार्य में जुटीं हैं।
विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। शनिवार को लगातार तीसरे दिन रेस्क्यू एवं राहत कार्यों के तहत भीमबली सहित अन्य स्थानों पर जिला प्रशासन एवं खाद्य विभाग द्वारा फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा जीएमवीएन द्वारा केदारनाथ सहित अन्य स्थानों पर फंसे लोगों के लिए भोजन व्यवस्था की गई।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि पैदल मार्ग काफी स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। बताया कि नेटवर्क न रहने के कारण काफी लोगों का उनके परिजनों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा था, इनमें से रेस्क्यू के उपरान्त लोगों का उनके परिजनो से सम्पर्क हो गया है और अधिकांश लोग अपने घर सकुशल पहुंच भी गए हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कतिपय माध्यमों से ऐसी भी सूचनाएं चल रही हैं “कि इस पूरे घटनाक्रम में बड़ी संख्या लोग लापता हैं”। उन्होंने कहा कि जितने भी लोगों की सूचना पुलिस के पास है, लगभग सभी अपने घरों को पहुंच गए हैं। किसी भी तरह से अगर कोई भ्रामक सूचनाएं फैलाता है तो उस पर विश्वास न करें।
अगर आपका परिजनों से सम्पर्क नहीं हो रहा है तो पुलिस से जरूर सम्पर्क करें। केदारनाथ में मौसम खराब होने की समस्या भी बनी हुई है। ऐसे में रेस्क्यू करने में एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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