उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी मीमांशा जोशी ने आज श्रीलंका के कोलंबो में हुए साउथ एशियाई कराटे चैंपियनशिप में दो सिल्वर मैडल जीतकर देश के साथ उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। मीमांशा के पिता हितेश जोशी ने बताया कि अभी मीमांशा दिल्ली राज्य के लिए खेल रही है, लेकिन अगले वर्ष से वो उत्तराखंड के लिए खेलेगी।
नैनीताल जिले में हल्द्वानी की रहने वाली मीमांशा जोशी ने आज श्रीलंका में हुए सैफ गेम्स में देश को दो सिल्वर मैडल दे दिए हैं। मीमांशा ने एक सिल्वर काता(डिस्प्ले)और दूसरा कुमिते(फाइट)में जीता है।16 वर्षीय मीमांशा जोशी ने इससे पहले सितंबर माह में इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवैल्थ गेम्स व एक अन्य प्रतियोगिता में भारत के लिए खेलते हुए एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज़ मैडल जीता था।
दिल्ली के इंदिरापुरम में सैंट थॉमस स्कूल की कक्षा 11 की छात्रा मीमांशा जोशी अब वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन गेम्स में मैडल जीतना चाहती हैं। मीमांशा मूल रूप से उत्तराखंड में अल्मोड़ा की रहने वाली हैं जो इस समय दिल्ली में पढ़ रही हैं। मीमांशा के पिता हितेश जोशी दिल्ली के एक्सिस बैंक में काम करते हैं जबकि माँ नमिता ग्रहणी हैं।
मीमांशा की 12 वर्षीय बहिन गर्विता कक्षा 6 की छात्रा हैं। मीमांशा ने जूनियर कैटेगिरी में 48 किलो भार वर्ग में कई देशों के प्रतिभागियों को हराकर ये मैडल जीते हैं। मीमांशा के लिए सैंट थॉमस स्कूल ने उसकी कक्षा 11 और 12 की शिक्षा फ्री कर दी और साथ ही उसे एक नया लैपटॉप गिफ्ट किया है।
मीमांशा की पिता हितेश ने बताया कि मीमांशा का जन्म हल्द्वानी में हुआ और इसकी शुरुवाती शिक्षा हल्द्वानी के बाद लखनऊ, देहरादून और अब दिल्ली से हो रही है। उसने एक माह की ट्रेनिंग टर्की में ली थी जबकि इनदिनों वो देहरादून में नैशनल कैम्प भी ट्रेनिंग ले रही थी। मीमांशा दिल्ली में द्वारिका के एक्सट्रीम मार्शल आर्ट अकेडमी में सीखने जाती है। वो अभी दिल्ली स्टेट के लिए नैशनल में खेलती है जबकि उसके पिता का कहना है कि वो आने वाले समय मे उत्तराखंड से खेलने का मन बना रही ही। मीमांशा, दिसंबर माह में होने वाली कराटे एशियाई चैंपियनशिप में खेलने की तैयारियों में जुटी है।
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