उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे भूमि पर से अतिक्रमण हटाया जाना है। लेकिन इस अतिक्रमण में एक घनी और बहुत पुरानी बस्ती को भी शुमार कर लिया गया है। जिसमें 50 हजार से ज्यादा आबादी है। हल्द्वानी जैसे छोटे से महानगर का यह बड़ा मामला इस समय देश-विदेश में सुर्खियां बटोर रहा है। 50 हजार से ज्यादा आबादी ध्वस्तीकरण से प्रभावित हो रही है जिसके विरोध में बनभूलपुरा की अवाम पिछले पांच दिन से सड़कों पर उतरी हुई है। आशियाना बचाने के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शनों के साथ ही सामुहिक दुआओं का भी आयोजन किया जा रहा है।
तो वही नेशनल मीडिया का तमगा कहे जाना वाला एक तबका झूठ का मंच तैयार कर देश के सामने हक़ीक़त रखने के बजाए एक सुनियोजित साज़िश के तहत मामले की गलत तस्वीर पेश कर रहा है ।दरअसल एक तरफ जहां देशभर का मीडिया इन दिनों बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण को लेकर हल्द्वानी पहुंच रहा है वहीं एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनल के पत्रकारों को युवाओं के गुस्से का सामना करना पड़ा।
यहां लोगों ने कहा कि चैनल गलत खबर चला रहा है और लगातार रोहिंग्या, बांग्लादेशी ,जेहादी ,एक और शाहीन बाग जैसे शब्दों को इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि गलत है लोगों ने कहा कि वे बेहद शांतिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट कर रहे हैं। लेकिन कुछ गोदी मीडिया के पत्रकार टीवी चैनलों पर भड़काने का काम कर रहे हैं और उन्माद फैलाने का का कार्य कर रहे हैं..आपसी सौहार्द्र और हिन्दू मुस्लिम एकता को भड़काने का कार्य कर रहे हैं ताकि शाहीन बाग जैसा माहौल पैदा किया जा सके जिसे वो लोग होने नहीं देंगे।
जिसको लेकर आज हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में युवाओं में जबरदस्त आक्रोश देखा गया जिसके बाद एक नेशनल चैनल के खिलाफ गोदी मीडिया गो बैक के युवाओं ने लगाए नारे मजबूरन चैनल के कैमरामैन और संवाददाता को वहां से जाने पर मजबूर होना पड़ा।इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा बनभूलपुरा थाना इंचार्ज नीराज भाकुनी ने स्थिति को संभालते हुए पब्लिक को शांति व्यवस्था बनाये रखने की ताकीद के साथ उक्त पत्रकारों को समझाया जिसके बाद मामला शांत हुआ।
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