सरकार के सो-कॉज नोटिस पर हस्तक्षेप से इंकार, IFS अभिलाषा को जवाब देने की लिबर्टी

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उत्तराखण्ड की आई.एफ एस.अधिकारी डा.अभिलाषा सिंह की, सरकार के सो कॉज नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका में कैट न्यायालय ने हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए डा.अभिलाषा को लिबर्टी दी है कि वो 15 दिन में शो कॉज नोटिस का जवाब दें। न्यायालय ने सरकार से भी 30 दिन में इसका निराकरण कर तत्पश्चात ही कोई कार्यवाही करने को कहा है।


कैट न्यायालय में ज्युडिशियल मेंबर मनीष गर्ग और प्रशासनिक सदस्य छबिलेन्द्र रॉल की खंडपीठ ने सरकार द्वारा आई.एफ एस.अधिकारी डॉ.अभिलाषा को कारण बताओ नोटिस को चुनौती देती याचिका में सुनवाई हुई। इसमें आई.एफ एस.अधिकारी डॉ.अभिलाषा ने सरकार के सो कॉज(कारण बताओ)नोटिस को को गलत बताते हुए कैट न्यायालय में चुनौती दी थी।

सरकार ने डा.अभिलाषा पर जनप्रतिकुल आचरण, कार्य में लापरवाही समेत उच्चाधिकारियों के सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगा है।

उनपर अपने कार्यालय में बहुत कम बैठने, कार्यालय रुद्रपुर में सैटअप होने के बावजूद हल्द्वानी से अप डाउन करने, मीटिंग में नहीं आने, रूटीन के कार्यों को लंबित रखने, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों की अवहेलना करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। चीफ स्टैंडिंग काउंसिल(सी.एस.सी.)चंद्रशेखर सिंह रावत ने बताया कि सुनवाई के बाद आज कैट न्यायालय ने कारण बताओ नोटिस में निर्देश देते हुए कहा की वो इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। न्यायालय ने डॉ.अभिलाषा को लिबर्टी दी है कि वो 15 दिन में शो कॉज नोटिस का जवाब दें। न्यायालय ने सरकार से 30 दिन में इसका निराकरण कर तत्पश्चात ही कोई कार्यवाही करने को भी कहा है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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