उत्तराखण्ड में हल्द्वानी के आर.टी.आई.एक्टिविस्ट पीयूष जोशी की मुहिम पर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार व अन्य को कार्यवाही के निर्देश दिए। प्रशासन ने सड़क पर फिर रहे बेसहारा पशुओं को हटाकर दुर्घटनाओं पर विराम लगाने की कार्यवाही शुरू की।
नैनीताल जिले में लालकुआं और हल्द्वानी क्षेत्र में कार्यरत समाजसेवी और आर.टी.आई.कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने आवारा पशुओं के कारण सड़क में हो रही दुर्घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। उन्होंने दावा किया है कि मानवाधिकार आयोग ने उनकी शिकायत पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
आयोग की तरफ से निर्देश जारी होने के बाद प्रशासन ने इन मवेशों को सड़कों से हटाने की सख्ती शुरू कर दी है। बताया गया कि आयोग ने उत्तराखंड सरकार, मुख्य सचिव, कुमाऊं आयुक्त और नगर पंचायत लालकुआं को नोटिस जारी कर 2 जनवरी को जवाब देने को कहा है।
लालकुआं, हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं के सड़क में फिरने से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान भी गई है।
जोशी ने अपनी शिकायत में कहा कि पिछले एक साल में कई मौतें हुई जिसमें बीती 27 अप्रैल को 25 वर्षीय योगेश, 30 मई को 46 वर्षीय विपिन तिवारी और 20 जुलाई को 28 वर्षीय प्रिया शर्मा ने असमय अपनी जान गवाई।
इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की समस्या को उजागर कर दिया और इसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश भी बड़ा। पीयूष ने कहा कि अगर समाधान संतोषजनक नहीं होगा तो वो पी.आई.एल.के माध्यम से उच्च न्यायालय तक जाएंगे।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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