गैंगस्टर विनय त्यागी की मौत,बदमाशों ने तीन गोलियां मारी थीं_जानिए क्या है पूरी स्टोरी..

हरिद्वार–ऋषिकेश
कुख्यात गैंगस्टर विनय त्यागी की शनिवार सुबह एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान मौत हो गई। बीते दिनों पुलिस कस्टडी में हुए दिनदहाड़े हमले के बाद वह ट्रॉमा सेंटर में भर्ती था। एम्स प्रशासन ने सुबह करीब 7 बजे उसे मृत घोषित किया। मौत की पुष्टि एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. श्रीलाय मोहंती ने की। सूचना मिलते ही हरिद्वार पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरने की कार्रवाई शुरू की। पोस्टमॉर्टम एम्स ऋषिकेश में ही किया जा रहा है।
पुलिस गाड़ी को घेरकर मारी गई थीं गोलियां
तीन दिन पहले हरिद्वार में फिल्मी अंदाज में बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी को निशाना बनाया था। मेरठ के कुख्यात अपराधी विनय त्यागी को जब कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था, तभी बाइक सवार दो हमलावरों ने लक्सर फ्लाईओवर के पास जाम का फायदा उठाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में विनय त्यागी को पेट में गोली लगी, जबकि क्रॉस फायरिंग में दो कॉन्स्टेबल भी घायल हुए थे।
आंतों में लगी गोली, हालत बनी रही नाजुक
परिजनों के मुताबिक गोली विनय त्यागी की आंतों में लगी थी, जिससे भारी अंदरूनी नुकसान हुआ। उसकी हालत लगातार नाजुक बनी रही और आखिरकार शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
बेटी का आरोप – जान का खतरा बताया था, सुरक्षा नहीं मिली
विनय त्यागी की बेटी तन्वी भारद्वाज ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनके पिता को पहले से ही अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा था। इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट और जेल प्रशासन को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की गई थी, लेकिन कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया।
तन्वी ने यह भी आरोप लगाया कि बीते तीन दिनों में पुलिस प्रशासन ने उन्हें अपने पिता से ठीक से मिलने या बात करने नहीं दी। सिर्फ एक-दो बार दूर से देखने की अनुमति मिली।
750 करोड़ की चोरी और साजिश का आरोप
मामले को और सनसनीखेज बनाते हुए विनय त्यागी की बहन सीमा त्यागी ने बड़ा आरोप लगाया है। उनके अनुसार देहरादून से करीब 750 करोड़ रुपये की चोरी हुई थी, जिसमें नकदी, ज्वैलरी और बेनामी संपत्तियों के कागजात शामिल थे। यह माल एक ठेकेदार सुभाष त्यागी का बताया जा रहा है, जिसने ईडी से बचने के लिए इसे एक डॉक्टर के यहां छिपाया था।
सीमा त्यागी का दावा है कि विनय को इस राज की जानकारी हो गई थी और पुरानी रंजिश के चलते उसने पूरा माल चोरी कर लिया। विनय इसे ईडी को सौंपने वाला था, लेकिन इससे पहले ही देहरादून पुलिस ने उसे पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि पेशी के दौरान उस पर हमला इसी साजिश का हिस्सा था, ताकि वह किसी जांच एजेंसी के सामने सच न उगल सके। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।
58 से ज्यादा संगीन मुकदमे
विनय त्यागी का अपराध जगत में लंबा और खूनी इतिहास रहा है। उस पर हत्या, अपहरण, डकैती जैसी संगीन धाराओं में 58 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। मेरठ में उसका नाम पहली बार 2015 में तब सुर्खियों में आया, जब दो युवकों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी।
वह बदन सिंह बद्दो, नीरज भाटी और भूपेंद्र बाफर जैसे कुख्यात अपराधियों के गैंग से जुड़ा रहा। लंबे समय तक वह दुबई में भी रहा और बाद में चोरी-छिपे भारत लौटकर दिल्ली में किराए के फ्लैट में रहने लगा। जून 2024 में मेरठ एसओजी ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
सवालों के घेरे..
विनय त्यागी की मौत के साथ ही कई सवाल खड़े हो गए हैं..
क्या पुलिस कस्टडी में उसकी सुरक्षा में चूक हुई?
क्या 750 करोड़ की कथित चोरी का राज अब हमेशा के लिए दफन हो गया?
इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी?


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