गुजरात के राजकोट में शनिवार शाम करीब 4:30 बजे टी आर पी गेम जोन में आग लगने से अब तक 12 बच्चों समेत 27लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, हादसे में हताहत लोगों की संख्या बढ़ सकती है। इस दर्दनाक हादसे से देशभर में शोक की लहर है। घटना पर राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित अन्य ने भी शोक जताया है। वहीं, कांग्रेस ने गुजरात सरकार से लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार (25 मई) को एक भीड़भाड़ वाले टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग में बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है. मृतक के परिवार को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है. वहीं, एसआईटी की टीम इस घटना की जांच करेगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ”राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देगी. इस संबंध में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है और उसे पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है.” राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गेम जोन में कई जगह मरम्मत और रेनोवेशन का काम चल रहा था। बड़ी संख्या में प्लाई के टुकड़े और लकड़ियां फैली हुई थीं। आग लगते ही ये भी उसकी चपेट में आ गए और 30 सेकेंड के अंदर आग पूरे गेम जोन में फैल गई। आग से पूरा गेम जोन जलकर खाक हो गया है। हालांकि अभी आग लगने की वजहों का पता नहीं चल सका है। आग पर करीब तीन घंटे में काबू पाया जा सका।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आग इतनी भीषण थी कि धुआं पांच किलोमीटर दूर से देखा जा सकता था।मॉल के गेम ज़ोन में वेल्डिंग का काम चल रहा था, जहां स्थानीय लोगों ने शॉर्ट-सर्किट की घटना की सूचना दी थी. हालांकि, आग लगने का कारण अभी तक आधिकारिक तौर पर पता नहीं चल पाया है।
राजकोट के जिला कलेक्टर पी. जोशी ने आग लगने की घटना के बारे में मीडिया को बताया, ”शाम करीब साढ़े चार बजे कंट्रोल रूम में कॉल आई कि टीआरपी गेम ज़ोन में आग लग गई है. फायर-ब्रिगेड की गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और आग बुझाईं.”
राजकोट के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “अब तक 27 शव बरामद किए गए हैं. युवराज सिंह सोलंकी इस गेम ज़ोन के मालिक हैं. हम इस मामले में मौत और लापरवाही का मामला दर्ज करेंगे. हम इसके बाद आगे की जांच करेंगे. पुलिस कमिश्नर ने कहा, “हम अंदर जाएंगे और पूरे इलाके का निरीक्षण करेंगे. हमने एफएसएल टीम को भी बुलाया है जो निरीक्षण करेगी और आग लगने के सही कारण का पता लगाने की कोशिश करेगी.”
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, फायर ऑफिसर आई. वी खेर ने कहा, “आग पर काबू पाना मुश्किल था. क्योंकि एक अस्थायी ढांचा ढह गया था और हवा की गति भी तेज थी.”
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी रविवार सुबह को घटनास्थल पर पहुंचे और उस क्षेत्र का जायजा लिया जहां गेमिंग जोन के अंदर भीषण आग लग गई थी।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा आज शाम राजकोट में जो एक बहुत दुखद घटना हुई है, जिसमें अनेक परिवारजनों को अपने लोगों को खोना पड़ा है. साथ ही साथ कई बच्चों का इसमें देहांत हुआ है. मुख्यमंत्री जी के निर्देश से मैं राजकोट आया हूं. एसआईटी जो बनाई गई है उसे तात्कालिक सूचना दी गई है कि रात को तीन बजे से ही पूरी तहकीकात जल्द से शुरू की जाए.”
उन्होंने कहा, “जितने भी डिपार्टमेंट परमिशन के आते हैं और जो जो डिपार्टमेंट के अंदर गेम जोन, कंस्ट्रक्शन की जिम्मेदारी आती है. उसमें उच्च अधिकारी से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को तीन बजे रात से ही कलेक्टर कचहरी में हाजिर रहने की सूचना दी गई है.”
सांघवी ने कहा, “सभी दस्तावेज, सभी प्रकार की जांच आज से ही शुरू की जाएगी. जल्द से जल्द न्याय देने के लिए मेहनत की जाएगी. अभी मैंने घटनास्थल का जायजा लिया है. अभी मैं खुद कलेक्टर कचहरी में बैठने वाला हूं.।
राजकोट में आग लगने की घटना के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक ने पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को राज्य के सभी गेम जोन का निरीक्षण करने और अग्नि सुरक्षा अनुमति के बिना चल रहे गेम जोन को बंद करने का आदेश दिया है।
राजकोट अग्निकांड पर एसआईटी प्रमुख सुभाष त्रिवेदी का कहना है, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इसकी जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया है. किस विभाग ने क्या-क्या किया, पूरी जांच कराई जाएगी. इसके लिए कौन जिम्मेदार है और क्या-क्या गलतियां हुई हैं, भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए क्या किया जाना चाहिए, इन सभी बातों की पूरी जांच की जाएगी।
ये बात आई है सामने
टीआरपी गेम जोन में जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा किया जाता था। जिससे आग इतनी फैल गई कि पूरा ढांचा जलकर राख हो गया। गेम जोन से बाहर निकलने और अंदर जाने के लिए सिर्फ 6 से 7 फुट का रास्ता था। आज एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी जिसके चलते हादसे के वक्त गेम जोन में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘गुजरात के राजकोट में एक गेमिंग जोन में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदना उन परिवारों के प्रति है, जिन्होंने अपने छोटे बच्चों और प्रियजनों को खो दिया है। मैं ईश्वर से बचाए गए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजकोट अग्निकांड पर गहरा दुख जताया। पीएम ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की। उनसे बचाव और राहत प्रयासों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘राजकोट में आग की त्रासदी ने हम सभी को दुखी किया है। कुछ समय पहले टेलीफोन पर हुई बातचीत में, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल जी ने मुझे प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
इस घटना से बेहद व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।’ उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। कहा कि स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।
इस बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘राजकोट में दुखद आग की घटना में लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
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