उत्तराखंड में स्थानों के नाम बदलने को लेकर विवाद,पूर्व सीएम ने लगाए गंभीर आरोप


उत्तराखंड सरकार द्वारा 15 स्थानों और 2 सड़कों के नाम बदलने के फैसले पर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। भाजपा नीत पुष्कर सिंह धामी सरकार के इस कदम को विपक्ष ने “जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने की रणनीति” बताया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “नाम बदलने से प्रदेश को कोई फायदा नहीं होगा। सरकार के पास तीन साल के कार्यकाल में बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह ऐसे फैसले कर रही है।”
उन्होंने सवाल उठाया, “क्या नाम बदलने से वहाँ विकास हो जाएगा? क्या लोगों को रोजगार मिलेगा? क्या उनकी समस्याएँ दूर हो जाएँगी?” रावत ने कहा कि सरकार को “निरर्थक कार्यों” की बजाय जनता के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि प्रदेश के किसान गन्ने का उचित मूल्य (₹450 प्रति क्विंटल) मांग रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा, “सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसे फैसले कर रही है।”
पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि सरकार ने नाम बदलने से पहले स्थानीय लोगों की राय नहीं ली, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। “सरकार लोगों पर अपनी इच्छा थोप रही है। उन्हें जनता की जरूरतों से कोई मतलब नहीं है,” उन्होंने कहा।
विपक्ष का मानना है कि बेरोजगारी, महंगाई और अपराध जैसे मुद्दों पर सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर सियासी बहस और कितनी गरमाती है।


लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: newsgkm@gmail.com