कांग्रेस की नगर निकायों में बड़ी जीत की तैयारी_ महापौर के लिए इन पर दांव..

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उत्तराखंड नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस अब एक नई रणनीति तैयार की है। पार्टी महापौर पदों के लिए पूर्व विधायकों और विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों पर दांव लगा सकती है, ताकि सशक्त और जिताऊ प्रत्याशी मैदान में उतारे जा सकें। पार्टी इन चुनावों को आगामी विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल मानते हुए, शहरी मतदाताओं में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए तैयार है।

प्रदेश में कुल 105 नगर निकायों में चुनाव होने हैं, जिनमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतें शामिल हैं। कांग्रेस के लिए प्रमुख चुनौती सत्तारूढ़ भाजपा के गढ़ में सेंधमारी करना है, जहां पिछली बार पार्टी केवल दो नगर निगमों में जीत सकी थी। इस बार पार्टी ने महापौर पदों के लिए पूर्व विधायकों और विधानसभा चुनाव के दावेदारों पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी की है, जिससे चुनावी मैदान में दमदार उम्मीदवार उतारे जा सकें।

जिला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद पार्टी प्रत्याशियों के चयन पर निर्णय लेगी। पर्यवेक्षकों को 25 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद पार्टी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लेगी। प्रदेश कांग्रेस को उम्मीद है कि इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकेगी।

कांग्रेस के सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा 23 दिसंबर के बाद चुनाव प्रचार में जुटने के लिए उत्तराखंड पहुंच सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद, जिला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों के चयन का निर्णय लिया जाएगा।

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