उत्तराखंड : बच्चों से भी घूसखोरी, विजिलेंस ने इस महिला को रंगे हाथ किया गिरफ्तार

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उत्तराखंड : सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार पर विजिलेंस का प्रहार लगातार जारी है। आज विजिलेंस में एक आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

हैरत की बात यह है कि अभी तक रिश्वतखोरी दफ्तरों तक ही सीमित थी। अब आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले गरीब बच्चों से भी घूस की पेशकश की जा रही है। ऐसा ही एक मामला जनपद उधम सिंह नगर में सामने आया है। सितारगंज में विजिलेंस की टीम ने दो हजार रुपये की रिश्वत लेने पर मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश निवासी वार्ड 6 शिशु मंदिर के पास को उसके घर के पास से गिरफ्तार किया। कमलेश ने एक छात्रा से नंदा गोरा योजना में मिलने वाली धनराशि के फार्म में लगने वाले प्रमाण पत्र की एवज में धनराशि मांगी थी।

जानकारी के अनुसार, सितारगंज निवासी कमलेश, जो वार्ड 6 शिशु मंदिर के पास रहती है और मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रि के रूप में कार्यरत है, ने एक छात्रा से नंदा गौरा योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि के आवेदन में लगने वाले प्रमाण पत्रों के एवज में 2000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह योजना प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के उद्देश्य से चलाई जाती है, जिसमें पात्र छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जाती है।

कमलेश की इस गैरकानूनी मांग से पीड़ित छात्रा के परिजनों ने विजिलेंस विभाग से शिकायत की। विजिलेंस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए एक ट्रैप योजना बनाई। योजना के अनुसार, मंगलवार को टीम ने कमलेश को उसके घर के पास 2000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, कमलेश के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

ज़मीन से जुड़ी योजनाओं में इस तरह की घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं, खासकर तब जब गरीब बच्चों के हक के साथ खिलवाड़ किया जाए।

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