BREAKING : धामी सरकार ने दिए बेरोज़गार युवाओं को यह बड़े तोहफ़े..देखिए आदेश..

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उपर्युक्त विषय पर मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग ( कृत्यों का परिसीमन) (संशोधन) विनियम, 2022 द्वारा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परिधि के अन्तर्गत समूह ‘ग’ के कतिपय पदों की भर्ती को उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परिधि के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है। उक्त पदों में से कतिपय पदों पर भर्ती हेतु उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञप्ति निर्गत की गयी थी। इन पदों की परीक्षाओं हेतु जिन अभ्यर्थियों द्वारा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के सापेक्ष पूर्व में आवेदन किया गया था तथा वर्तमान में वे उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशित किये जाने वाले विज्ञापन में आवेदन हेतु अधिवयस्क हो जायेंगे के दृष्टिगत उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्व में निर्गत विज्ञप्ति में उल्लिखित आयु की गणना तिथि को ही अधिकतम आयु सीमा हेतु कट ऑफ डेट माने जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं। यहाँ यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इन पदों के लिए एक बार लोक सेवा आयोग से विज्ञप्ति प्रकाशित होने के उपरान्त प्रकाशित होने वाली अगली विज्ञप्ति / चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत पुनः यह लाभ अनुमन्य नहीं होगा

  1. कृपया लोक सेवा आयोग की परिधि के अन्तर्गत सीधी भर्ती के समूह ग के उक्त पदों पर चयन के सम्बन्ध में उपरोक्त निर्णय के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने की कष्ट करें।

राज्याधीन सेवाओं, शिक्षण संस्थाओं, सार्वजनिक उद्यमों/निगमों / स्वायत्तशासी संस्थाओं के अन्तर्गत सीधी भर्ती के प्रक्रम पर दिव्यांगजनों हेतु 04 प्रतिशत क्षैतिज (Horizontal) आरक्षण अनुमन्य है। शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि दिव्यांगजनों के लिए सीधी भर्ती के चयन में दिव्यांगजन अधिनियम, 2016 तथा इस सम्बन्ध में समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कतिपय कठिनाईयां प्रतीत हो रही हैं।

2 इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत निःशक्तजन अधिकार नियम, 2017 के नियम 11 (4) के अनुसार बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रिक्तियों को एक पृथक वर्ग के रूप में अनुरक्षित किया जायेगा। दिव्यांगजन हेतु आरक्षित रिक्तियों पर चयनित व्यक्तियों को उन श्रेणियों में रखा जायेगा, जिनसे वे सम्बन्धित हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई चयनित व्यक्ति अनुसूचित जाति श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित कोटे में रखा जायेगा, यदि वह अनुसूचित जनजाति श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित कोटे में रखा जायेगा, यदि वह अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित कोटे में रखा जायेगा। इसी प्रकार, यदि वह खुली प्रतियोगिता श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित श्रेणी में रखा जायेगा।

  1. दिव्यांगजन के पक्ष में लोक सेवाओं और पदों के लिए सीधी भर्ती के प्रक्रम पर रिक्तियों के आधार पर क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य है यदि किसी चयन में रिक्तियों की संख्या के आधार पर उक्त

उपर्युक्त विषय के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासनादेश संख्या 65880/ 2022. दिनांक 23.09.2022 के माध्यम से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (कृत्यों का परिसीमन) (संशोधन) विनियम, 2022 के परिशिष्ट “ख” के अन्तर्गत सम्मिलित समूह ‘ग’ के पदों की जिन परीक्षाओं हेतु अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क प्राप्त किया गया है, उन परीक्षाओं हेतु पुनः आवेदन शुल्क नहीं लिये जाने का निर्णय लिया गया है। शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन परीक्षाओं हेतु अभ्यर्थियों से पूर्व में आवेदन शुल्क प्राप्त कर लिया गया है, उन परीक्षाओं हेतु प्रोसेसिंग शुल्क रु 26.55 प्रति ट्रांजेक्शन (Per transaction) भी नहीं लिया जायेगा।

2.

अतः उपरोक्तानुसार लिये गये निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित करने का कष्ट करें।

श्रेणियों हेतु निर्धारित क्षैतिज आरक्षण प्रतिशत के अन्तर्गत आरक्षित रिक्तियों में से कोई रिक्ति उपयुक्त अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के कारण या कोई अन्य पर्याप्त कारण से बिना भरे रह जाती है, तो उसे सम्बन्धित आयोग / चयन संस्था द्वारा आगामी भर्ती के लिए बैकलॉग के रूप में अग्रेनीत किया जायेगा। यदि आगामी भर्ती वर्ष में भी उपयुक्त संदर्भित दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होता है, तो पहले यह रिक्ति पांच प्रवर्गों में से अदला-बदली द्वारा भरी जा सकेगी और केवल जब उक्त वर्ष में भी पद के लिए दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होता है, तो नियोक्ता किसी दिव्यांगजन से भिन्न किसी व्यक्ति की नियुक्ति द्वारा रिक्ति को भर सकेगा।

परन्तु यदि किसी स्थापन में रिक्तियों की प्रकृति ऐसी है कि दिए गए प्रवर्गों के व्यक्तियों को नियोजित नहीं किया जा सकता तो रिक्तियों की समुचित सरकार के पूर्व अनुमोदन से पांच प्रवर्गों में अदला-बदली की जा सकेगी।

दिव्यांगजन श्रेणी के अन्तर्गत क्षैतिज आरक्षण दिव्यांगजन हेतु उपयुक्त चिहित पदों पर ही अनुमन्य होगा। यदि कोई पद दिव्यांगता की एक श्रेणी के लिए ही उपयुक्त चिह्नित किया गया हो, तो उस पद में आरक्षण उस दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को ही दिया जाएगा। ऐसे मामलों में चार प्रतिशत का आरक्षण कम नहीं किया जाएगा तथा उस पद में पूर्ण आरक्षण उस दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों को दिया जाएगा जिसके लिए वह चिह्नित किया गया हो। इसी तरह किसी पद के दिव्यांगता की दो या दो से अधिक श्रेणियों के लिए चिह्नित किये गये होने की स्थिति में जहां तक सम्भव हो, आरक्षण दिव्यांगता की उन दोनों या दो से अधिक श्रेणियों (जैसी स्थिति हो) के व्यक्तियों के बीच समान रूप से विभाजित कर दिया जाएगा, तथापि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिष्ठान में आरक्षण, विभिन्न पदों में इस तरह विभाजित किया जाय कि दिव्यांगता की सभी श्रेणियों के व्यक्तियों को यथासंभव समान प्रतिनिधित्व मिले।

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