उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। वोटर लिस्ट में छूटे हुए सभी नामों को जोड़ा जा रहा है और तमाम खामियों को दुरुस्त किया जा रहा है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इसको लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का पिछले साल 2 दिसंबर को कार्यकाल समाप्त होने के बाद अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। निकायों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद सभी निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है और अब उन प्रशासकों का कार्यकाल भी 2 जून को समाप्त हो रहा है। अब प्रशासकों के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए विधिक राय ली जा रही है।
आपको बता दें कि एक्ट के हिसाब से यह प्रशासक दो जून यानी छह माह तक के लिए ही तैनात हो सकते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता 6 जून तक लागू है। लिहाजा, निकाय चुनाव इससे पहले नहीं हो पाए हैं। ओबीसी आरक्षण लागू करने, निकायों में परिसीमन, पदों का आरक्षण जारी करने आदि कार्यों के लिए कम से कम दो माह का और समय चाहिए। छह जून को आचार संहिता खत्म होने के बाद ही इस पर काम आगे बढ़ सकेगा।
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