UKSSSC पेपर लीक केस : UKSSSC पेपर लीक मामले में 9 अभियुक्तों को मिली जमानत, 5 की याचिका खारिज
UKSSSC पेपर लीक मामले में आज 9 आरोपियों को अपर जिला जज ADJ चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की कोर्ट ने दी जमानत. जबकि 5 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस मामले में अबतक कुल 17 लोगों को जमानत मिल चुकी है.
देहरादून एडीजी चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की अदालत में 14 लोगों की जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी. आज सुनवाई के बाद एक-एक लाख के निजी मुचलके पर 9 अभियुक्तों जमानत मिल गई. हालांकि, कोर्ट के आदेशानुसार जमानत मिलने वाले लोगों को देश छोडने की इजाजत नहीं है.
बता दें कि पेपर लीक मामले में अबतक 17 लोगों की जमानत मिल चुकी है. हालांकि, इस केस में 21 मुख्य अभियुक्तों सहित मास्टरमाइंड सादिक मूसा को जमानत नहीं मिली है. इन सभी पर पहले से ही गैंगस्टर एक्ट लगाकर अवैध रूप से कमाई गई संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई प्रचलित है. यही कारण है कि इनकी जमानत में मुश्किलें आ रही हैं.
इन 9 अभियुक्तों को मिली जमानतः UKSSSC पेपर लीक मामले में आरोपी सूर्यवीर सिंह चौहान, कुलबीर सिंह, अंबरीश कुमार, राजवीर, दीपक चौहान, अजीत चौहान, विनोद जोशी, चंदन मनराल और जगदीश गोस्वामी को जमानत मिली है. इन सभी को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. वहीं, जमानत मिलने वाले अभियुक्तों को देश छोड़ने की इजाजत नहीं है. जिन आरोपियों को जमानत दी गई है, उनसे कोई धन या राजकीय दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं.
उत्तराखंड में भर्ती घोटाले के मामले में जिस तरह से STF ने जोर शोर से तमाम आरोपियों क़ो गिरफ्तार कर जेल भेजा और कहा था सबके खिलाफ पुरे सबूत हैं लेकिन कोर्ट में सबूत कम पड़ते दिखाई दे रहें हैं जी हाँ हालात ये हैं की 2021की vdo और VPDO भर्ती में गड़बड़ी के लिए पकडे गए 9 आरोपियों क़ो पहले ही ज़मानत मिल गई हैं वही 2016 की VDO भर्ती परीक्षा में जहाँ तत्कालीन अध्यक्ष RBS रावत और कन्याल जैसे अधिकारी जेल में हैं वही इस मामले में अब tecno solution कंपनी के मालिक और मुख्य आरोपियो और मास्टरमाइंड में से एक राजेश चौहान क़ो ज़मानत मिल गई हैं।
हालांकि अभी उन्हें और मामलों में भी आरोपी होने के चलते जेल से तो नहीं छोड़ा जा सकेगा जब तक वो अन्य मामलों में भी जमानत लें लेते वही अब इस बात की उम्मीद की जा रही हैं की जब घोटाला करने वाली कम्पनी के मालिक क़ो जमानत मिल गई ऐसे में अन्य क़ो भी जल्द जमानत मिल सकती हैं ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता हैं कि क्या केवल पीठ थप थापने के लिए STF गिरफ़्तारी कर रही थी क्या सबूत का आभाव था जो कोर्ट में साफ दिखाई भी दे रहा हैं।
वही पूर्व गृह मंत्री प्रीतम सिंह ने सीधे तौर पर STF पर सरकार का दबाव होने का आरोप लगाया उनके अनुसार असली गुनेहगारो तक stf के हाथ नहीं पहुंचे हैं जिन्हे इन्होने पकड़ा उनपर सारी धाराएं लगा दी लेकिन इनके पास कोई सबूत नहीं हैं जिसके चलते उन्हें ज़मानत मिल रही हैं.
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