उत्तराखण्ड के भीमताल में तीन युवतियों को मौत के घाट उतारने वाले हिंसक वन्यजीव को पकड़ने के लिए दबाव बनाते हुए क्षेत्र के ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर जबरदस्त आंदोलन किया। प्रशासन और वन विभाग के कर्मचारी आंदोलन से रहे दूर।
नैनीताल जिले में भीमताल स्थित अलचौना और मलुवाताल गांव में तीन महिलाओं पर हमला कर जान सर मारने के आरोपी हिंसक वन्यजीव को नियमानुसार कब्जा करने की मांग को लेकर आज आक्रोशित ग्रामीणों ने खुटानी चौराहे पर जमकर आंदोलन किया। उन्होंने सड़कक जाम कर वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें चेतावनी दी कि अगर इस हिंसक वन्यजीव की पहचान कर उसको पिंजरे में बंद नहीं किया जाएगा तो वो एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
आंदोलनरत युवाओं ने कहा कि बीते 13 दिनों में हिंसक वन्यजीव ने तीन महिलाओं को मार दिया है। विभाग अभी तक इस हिंसक वन्यजीव की पहचान नहीं कर सका है जबकि शासन ने एक गुलदार को नरभक्षी करार दे दिया है। हाल में उच्च न्यायालय ने वन्यजीव को मारने से पहले सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस हिंसक वन्यजीव को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
जिसके कारण आज भीमताल के खुटानी चौराहे पर वीरोध किया जा रहा है। कई घंटों तक यातायात बंद कर विरोध जताया गया जिससे गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें लग गई। प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी आंदोलनरत ग्रामीणों को आश्वस्त करने के लिए मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान को छू गया।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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