उत्तराखण्ड के भीमताल क्षेत्र में तीन महिलाओं को मौत के घाट उतारने वाला हिंसक वन्यजीव, ट्रेंक्यूलाइज कर कब्जे में ली गई बाघिन ही है। वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया(डब्ल्यू.आई.आई.)की डी.एन.ए.रिपोर्ट में बाघिन के सैम्पल मैच हो गए हैं।
नैनीताल जिले के भीमताल में दिसंबर माह के दूसरे और तीसरे सप्ताह में किसी हिंसक वन्यजीव ने तीन ग्रामीण महिलाओं पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। भीमताल के मलुवाताल, पिनरों और ताडा गांव में हुई इन घटनाओं के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। सरकार ने आनन फानन में हिंसक वन्यजीव गुलदार को बिना जांच के नरभक्षी घोषित कर मारने के आदेश दे दिए।
इसपर उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर हिंसक वन्यजीव को चिन्हित कर उसे नहीं मारते हुए कब्जे में लेने के आदेश दे दिए थे। इस दौरान जंगल से जुड़े क्षेत्र में लगाए गए पिंजरे में एक गुलदार कैद हो गया। दो महिलाओं के शवों से मिले बाल व अन्य साक्ष्यों से हिंसक वन्यजीव के बाघ होने के संकेत मिले। तभी विभाग ने जंगलिया गांव में रात लगभग 12 बजे घात लगाकर एक बाघिन को ट्रेंक्यूलाइज किया और उसे गुलदार के साथ रानीबाग रैस्क्यू सेंटर में रखा।
तीसरे वन्यजीव की पहचान करने और तीनों के डी.एन.ए.को मिलाने के लिए विभाग और एक्सपर्ट्स की टीम ने सैम्पल देहरादून के डब्ल्यू.आई.आई.भेजे, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद तीनों घटनाओं में पकड़ी गई बाघिन के होने की पुष्टि हुई है।
बता दें कि दिसंबर माह में मलुवाताल गांव में 7 दिसंबर को इंद्रा देवी, पिनरों गांव में 9 दिसंबर को पुष्पा देवी और 19 दिसंबर को अलचौना के ताड़ा गांव में निकिता शर्मा को घास काटते समय मार दिया था। इसके बाद विभाग ने जंगलिया गांव से एक बाघिन को पकड़ा। रिपोर्ट के बाद डेढ़ से दो वर्ष की स्वस्थ बाघिन का सेंपल ही तीन मृत महिलाओं से मेल खा गया है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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