NEET-UG और UGC-NET परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के बाद चल रही जांच और सुनवाई के बीच देश में ‘एंटी पेपर लीक कानून’ लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस कानून की अधिसूचना जारी की, जिसका उद्देश्य प्रमुख परीक्षाओं में नकल, पेपर-लीक और किसी तरह की धांधली पर लगाम लगाना है।
पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली के खिलाफ ये कानून इसी साल फरवरी में पारित हुआ था, जिसे अब लागू कर दिया गया है. इस कानून में परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
10 साल तक की सजा, 1 करोड़ रुपये जुर्माना
इस नए कानून के तहत, परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम तीन साल की कैद की सजा होगी, जिसे बढ़ाकर पांच साल तक किया जा सकता है, साथ ही 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
यदि जुर्माना नहीं भरा जाता है, तो भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) के प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त कारावास की सजा दी जाएगी. जब तक ये नया कानूनी फ्रेमवर्क पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता, तब तक भारतीय दंड संहिता (IPC) लागू रहेगी।
नकल कराने का दोषी पाए जाने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा, परीक्षा संचालन का जो खर्च होगा, उन्हें वो भी भरना होगा. साथ ही उनके लिए अगले 4 साल तक किसी भी पब्लिक एग्जाम के संचालन पर रोक रहेगी।
अधिकारियों की मिलीभगत हुई तो…
यदि जांच में पता चलता है कि परीक्षा में धांधली या गड़बड़ी, किसी डायरेक्टर, सीनियर मैनेजमेंट या सर्विस प्रोवाइडर फर्म के प्रभारी व्यक्ति की सहमति या मिलीभगत से किया गया है तो ऐसे व्यक्तियों को 3 से 10 साल की कैद हो सकती है और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।
इस जुर्माने का भुगतान न करने पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 के मुताबिक, अतिरिक्त कैद की सजा होगी. यहां भी BNS के नए प्रावधान लागू होने तक IPC की धाराओं का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये कानून उन लोगों के लिए सुरक्षा भी देता है, जो ये साबित कर पाएंगे कि धांधली उनकी जानकारी के बिना हुआ था और उन्होंने गड़बड़ी रोकने के लिए पर्याप्त जरूरी सावधानियां बरती थी।
परीक्षा अधिकारियों या सर्विस एजेंसी सहित व्यक्यिों या समूहों से जुड़े संगठित अपराध के मामलों में और भी कठोर सजा का प्रावधान है. इसमें अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा और कम से कम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. जुर्माना नहीं भरने पर कैद की अवधि बढ़ जाएगी।
देशभर में नीट पेपर लीक और फिर यूजीसी-नेट परीक्षा के कैंसिल होने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेपर लीक को रोकने के लिए एक कड़े कानून को लागू कर दिया है. केंद्र सरकार ने ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ अधिसूचित किया है. इस एंटी पेपर लीक कानून का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकना है।
केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में पारित हुए कानून को शनिवार (22 जून) से लागू कर दिया है. इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. लोक परीक्षा अधिनियम को ऐसे में लागू किया गया है, जब इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया था कि इसे कब लागू किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंत्रालय नियम बना रहा है।
अगर किए ये 15 काम तो होगी सजा
लोक परीक्षा कानून 2024 में 15 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है. इनमें से किसी में भी शामिल होने पर जेल जाने या बैन होने तक की सजा मिल सकती है. नीचे इन 15 गतिविधियों की जानकारी दी गई है।
1 – परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र या आंसर की लीक करना.
2.आंसर-की या पेपर लीक में दूसरे लोगों के साथ आपके शामिल होने पर.
3.बिना किसी अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट देखने या अपने पास रखने पर.
4.परीक्षा के दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा एक या उससे ज्यादा सवालों के जवाब बताने पर.
5.किसी भी परीक्षा में उम्मीदवार को किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से जवाब लिखने में मदद करने पर.
6.आंसर शीट या ओएमआर शीट में गड़बड़ी करने की स्थिति में.
7.बिना किसी अधिकार या बिना बोनाफायड एरर के असेसमेंट में कोई हेरफेर करने पर.
8.किसी भी परीक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों और नियमों की जानबूझकर अनदेखी या उल्लंघन करने की अवस्था में.
9.किसी भी ऐसे डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ करने पर, जो कैंडिडेट की शॉर्टलिस्टिंग या उसकी मेरिट या रैंक निर्धारित करने के लिए जरूरी माना जाता है.
10.परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी कराने की नीयत से जानबूझकर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर.
11.कंप्यूटर नेटवर्क, कंप्यूटर रिसोर्स या किसी भी कंप्यूटर सिस्टम से छेड़खानी करने को भी इसमें शामिल किया गया है.
12.एग्जाम में घपला करने की नीयत से उम्मीदवार के सीटिंग अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करने पर.
13.पब्लिक एग्जाम अथॉरिटी, सर्विस प्रोवाइडर या किसी भी सरकारी एजेंसी से संबंधित लोगों को धमकाने या किसी परीक्षा में व्यवधान पैदा करने पर.
14.पैसे ऐंठने या धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाने पर.
15.फर्जी परीक्षा कराने, फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करने पर भी सजा हो सकती है.
इस कानून का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है. कानून में आरोपियों को 3 से 10 साल तक की सजा और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है।
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