सुप्रीम फैसले के बाद,फ्लोर टेस्ट से पहले .. महाराष्ट्र के CM उद्धव ने दिया इस्तीफा..

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को इस्तीफे वाला खत सौंपा. राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इससे पहले उन्होंने फेसबवुक लाइव में कहा कि मुझे इसमें जाना ही नहीं था. इसलिए मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं.उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं. उद्धव ने कहा कि मुझे इन सबमें आना ही नहीं था, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री आवास को पहले ही छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि कल से मैं शिवसेना ऑफिस जाऊंगा.कल यानी 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ठाकरे ने कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं।

महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कई दिनों से जारी ड्रामा आखिरी मोड़ पर बुधवार रात को आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट की दहलीज से करीब साढ़े तीन घंटे की बहस के बाद फैसला निकला तो उद्धव ठाकरे के लिए झटका था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के फैसले पर ना तो रोक लगाई और ना फ्लोर टेस्ट टालने का आदेश दिया। इससे पहले, कोर्ट में उद्धव की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और शिंदे गुट की तरफ से एडवोकेट नीरज किशन कौल से जोरदार तर्क दिए और इस बहस का लुब्बोलुआब ये कि सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट पर आपत्ति जताते हुए दलील दी कि 16 बागी विधायकों को 21 जून को ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है। ऐसे में इनके वोट से बहुमत का फैसला नहीं किया जा सकता। लिहाजा या तो बहुमत का फैसला स्पीकर को करने दें या फिर फ्लोर टेस्ट टाल दें

मुझे अशोक चव्हाण ने कहा, अगर दिक्कत है तो हम एमवीए से बाहर आते हैं
उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं आया भी अनपेक्षित रूप से था और जा भी अनपेक्षित रूप से रहा हूं. मतलब हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं मैं यहीं रहूंगा और शिवसेना भवन में फिर जा कर बैठूंगा, अपने सभी लोगों को एकत्र करूंगा. उन्होंने कहा, आज कैबिनेट समाप्त होने के बाद अशोक चव्हाण ने मुझे कहा कि हम आपके साथ हैं अगर इसलिए दिक्कत हो रही है तो हम महा विकास आघाडी के बाहर जाते हैं और आप को बाहर से समर्थन देते हैं लेकिन मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं होता.

कांग्रेस-एनसीपी को धन्यवाद
उद्धव ठाकरे ने कहा, आज मंत्रिमंडल की बैठक हुई, मुझे इसका संतोष है कि बालासाहेब ठाकरे ने जिन शहरों का जो नाम रखा था, औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव आज हमने उनको वे नाम आधिकारिक तौर पर दिए हैं. उन्होंने कहा,  NCP और कांग्रेस के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मेरा साथ दिया. आज शिवसेना से सिर्फ मैं, अनिल परब, सुभाष देसाई और आदित्य ये चार ही लोग उस प्रस्ताव के पास होने के समय मौजूद रहे.

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