विदेशी उत्पाद के आगे, अन्तिम सांसे गिन रहा है, दीया
उधम सिंह नगर काशीपुर (GKM news अज़हर मलिक) वैसे तो दीपावली त्यौहार पर दियें जलाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है मगर समय के साथ साथ दीयों की जगह बिज़ली से जलने वाली चाइनीज झालरों ने ले ली है। लोग इन्ही झालरों से अपने घरों को रोशन कर रहे हैं ओर लोग दीपक को लोग मात्र शगुन के रूप में प्रयोग कर रहे है। जिसके चलते दीये बनाने वाले कुम्हार अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है। वही प्रदेश सरकार भी इन कुम्हारो की तरफ कोई धयान नही दे रही है। पेश है एक खास रिपोर्ट …….. हर साल दिवाली का त्यौहार आता है तो दीपक बनाने वाले कुम्हारों को उम्मीद होती है कि लोग उनके दीपक खरीद कर अपने घर ले जाएंगे और उन दीपको को जलाकर अपने घरों रोशनी से भर देंगे। मगर लोगों की बेरुखी देखिये दीपक जलाने की बजाये चाइनीज झालरों से अपना घर जगमग कर रहे है। यही बजह है की बाज़ारों में इनकी भरमार है और कुम्हारों से बस शगुन के तौर पर दीपक खरीदें जाते है। माना जाता है कि जब भगवान श्रीराम अपने 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने भगवान श्री राम के पहुंचने पर खुशी से घी के दीपक जलाए थे। तभी से दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है। लेकिन चाइनीज झालरों के बाजार में आने से मिट्टी के दीपको का अस्तित्व खतरे में आ गया है। लोग मिट्टी के दीपक को की जगह है चाइनीज झालरों को खरीद कर अपने घरों को रोशन कर रहे हैं। वहीं दीपको की बाजार में मांग कम होने से दीपक बनाने वाले कुम्हारों के चेहरों पर खुशी गायब हो गई है। कुम्हारों की मानें तो उन्हें दीपक बनाने के लिए ना तो मिट्टी मिल पा रही है और ना ही प्रदेश सरकार उनकी कोई मदद कर रही है। कुम्हारों का कहना है कि जिस तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने दीपक बनाने वाले कुम्हारों के लिए इलेक्ट्रॉनिक चौक और मिट्टी की व्यवस्था करवाई है वैसे ही उत्तराखंड सरकार दीपक बनाने वाले कुम्हारों के लिए व्यवस्था कराएं। बायान : हरस्वरूप ………… कुम्हार बयान : नन्हे ………… कुम्हार वीओ 2 : चाइनीज झालरों की मांग बढ़ने से दीपको की कम हो गई है तो कुम्हारों के ऊपर भी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कुम्हारों की माने तो उनके परिवार के युवा अब मिट्टी के बर्तन बनाने से दूर हो रहे हैं और नौकरी की तलाश में इधर उधर भटक रहे हैं। कुछ कुमारों का यह भी कहना है कि राजनीतिक पार्टियों के नेता कुम्हारो को मिलने वाली योजनाओ को हड़पने का काम कर रहे है। जिससे कुम्हारो का भविष्य अंधकार में जाता जा रहा है। बाइट : राकेश कुमार ………… कुम्हार बाइट : रामकिशोर ……….. कुम्हार एफवीओ : चाइनीज लाइटों के बाजार में आने से दीपक की रोशनी कम हो गई है। जिसका नतीजा है दीपक बनाने वाले कुम्हार बेरोजगारी की कगार पर आ गए है। यही नही प्रदेश सरकार इन कुम्हारो के लिए किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नही कर पा रही है। जिससे कुम्हार अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है। अब देखने की बात है कि क्या प्रदेश सरकार दीपक बनाने वाले कुम्हारो के लिए किसी तरह की योजना शुरू कर पाती है या नही।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]