रदद् किया रशीदा से निकाह, फर्ज के आगे खुशिया कुर्बान, ऐसे जवान को सलाम।

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काशीपुर/ कालाढूंगी (GKM news अज़हर मलिक) कोरोना के वायरस के खौफ से पुरी दुनिया दहशत में हैं, और घरों में कैद होकर बस इस वायरस के खत्म होने का इन्तजार कर रही है, लेकिन ये इन्तजार कितना बडा होगा ये कोई नहीं जानता। कुछ एसे भी है जो घरों में तो नहीं पर हमारी जिन्दगी बचाने के लिए दिन रात अपनी डयूटी पर तैनात है। अपनों से दूर रहकर सिर्फ दुनिया को इस संकट से बचाने में लगे योद्धाओं में एक एसा भी योद्धा है जिसने इस मुश्किल की घडी में अपनी खुशियों को कुर्बान कर दिया, और  पहनने से इन्कार कर दिया। जी हां उत्तराखण्ड पुलिस में तैनात एक सिपाही ने फर्ज के सामने अपनी शुखीयों कैसे किया कुर्बान पढिये हमारी खास रिपोर्ट।

 एक तरफ जहां कोरोना वायरस महामारी जैसे संकट की घड़ी में पुलिस विभाग के कर्मचारी और अधिकारी दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं तो वही एक सिपाही ने अपने फर्ज के आगे अपनी तय हुए निकाह को कुर्बान कर दिया है। जिन्होंने निकाह से पहले जिम्मेदारी और देश सेवा को अपना पहला कर्तव्य मानते हुए इस निर्णय को लिया है। इस देशभक्त सिपाही द्वारा लिए गए निर्णय की जमकर सराहना भी की जा रही है। कोरोना वायरस जैसी महामारी के संकट की घड़ी में जहां लोग अपने घरों में कैद हैं तो वहीं पुलिस प्रशासन लगातार लोगों को लॉक डाउन का पालन कराने के लिए दिन-रात अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग शादी करने के लिए लॉक डाउन का उल्लंघन भी करते हैं लेकिन उत्तराखंड पुलिस के एक जवान ने अपनी ड्यूटी को अपना पहला कर्तव्य मानते हुए निकाह करने से इन्कार कर दिया और तिथि बदलने की बात कहीं है। यह जवान असलम अहमद है जो उत्तराखंड पुलिस में काशीपुर कोतवाली में तैनात है। असलम अहमद कालाढूंगी का मूल रूप से निवासी हैं जिसने 2012 में उत्तराखंड पुलिस में तैनात होकर देश के लिए अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी। 

  • असलम अहमद का निकाह काशीपुर की युवती से तय हुआ था। जिसके चलते 27 फरवरी को असलम अहमद की सगाई की रस्म को भी पूरा कर लिया गया था और 19 अप्रैल को काशीपुर में निकाह पूरा होना था। लेकिन पूरे देश भर में कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में इस सिपाही ने अपने कर्तव्य और अपने विभाग के प्रति जिम्मेदारी को महत्व देते हुए निकाह करने से इन्कार कर दिया और परिजनों से तिथि बदलने की बात कहीं। वहीं जब इस बारे में सिपाही असलम अहमद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शादी से बढ़कर उनके लिए देश प्रेम और उनकी ड्यूटी है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में पहले लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए जिसके बाद शादी की जा सकती है। यही नहीं असलम ने कहा कि जहां पुरा देश खौफ के साये में है एसे में वो अपनी खुशियों की शहनाई कैसे बजा सकता है, जब उसके अपने ही इस विवाह समारोह में ही शामिल ना हो। जीिसके चलते  असलम ने ये निर्णय लिया है कि देश जब इस संकट से उभरेगा तभी वो निकाह करेंगे।बाईट- असलमएफवीओ- बहरहाल देश के इन वारियर्स द्वारा जो समर्पण किया जा रहा है वो वास्तव में सराहनीय है, कोई अपनों से दूर रहकर इस जंग में शामिल है तो कोई अपनों में रहकर भी अपनों के पास नहीं जा सकता है। तो कुछ एसे भी है जिन्होने अपनी खुशियों के सामने अपने कर्तव्य को ही इतना बडा बना दिया की उनके लिए शब्दों में कुछ बयां करना नाकाफी होगा।
    बाइट :-  असलम अहमद ………….. सिपाही, उत्तराखंड पुलिस
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