ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए की अनुमति जरूरी, वरना आई.पी.सी. की धारा 121, 121 ए, 287, 336, 337, 338 व एएआई एक्ट के तहत लगेगी  दण्डनीय आपराधिक धाराए ‘

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ड्रोन निषेध क्षेत्र में ड्रोन उड़ाना व ड्रोन संबंधी नियमों का उल्लंघन करना है दण्डनीय अपराध।

ड्रोन के प्रयोग के संबंध में अभिसूचना एवं सुरक्षा मुख्यालय, उत्तराखण्ड ने दिशा निर्देश जारी किए।

देहरादून [GKM news. वरिष्ठ संवाद्दाता  ]आम जनता को ड्रोन के प्रयोग के संबंध में जागरूक करने के लिए अभिसूचना एवं सुरक्षा मुख्यालय, उत्तराखण्ड द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुसार ड्रोन को खरीदने से पहले भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। इस संबंध में समस्त जानकारी डीजीसीए की वेबसाईट www.dgca.nic.in पर उपलब्ध है। ड्रोन के संचालन से पहले नियमानुसार डीजीसीए से यूनिक आईडेंटीफिकेशन नम्बर (यूआईएन) व स्वचालित एयरक्राफ्ट आपरेटर परमिट (यूएओपी) प्राप्त कर लिया जाना चाहिए। 

ड्रोन को आपरेट करने वाला पायलट, भारत सरकार द्वारा अधिकृत संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ हो। ड्रोन निषेध क्षेत्र में ड्रोन को नहीं उड़ाया जाए, ड्रोन निषेध क्षेत्र की सूची डिजीटल स्काई प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। ड्रोन की प्रत्येक उड़ान से पहले डिजीटल स्काई प्लेटफार्म के माध्यम से अनुमति लेना आवश्यक है।

डीजीसीए से ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेने के बाद संबंधित पुलिस थाने को इसकी सूचना ड्रोन उड़ाने से 24 घंटे पूर्व देना जरूरी है। डीजीसीए की वेबसाईट www.dgca.nic.in   पर उपलब्ध डूज/डोन्ट्स, सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफ.ए.क्यू.) व सिविल एविएशन रिक्वार्यमेंट (सीएआर) का गहनता से अध्ययन कर निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। ड्रोन संबंधी नियमों का उल्लंघन व ड्रोन निषेध क्षेत्र में ड्रोन उड़ाना आई.पी.सी. की धारा 121, 121 ए, 287, 336, 337, 338 व एएआई एक्ट के तहत दण्डनीय अपराध है। 

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