खाकी से निकली जहालत, मरीजो के तीमारदारों के वाहन किये पंचर, सोशल मीडिया पर पुलिस की थू थू।

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हल्द्वानी, (GKM news,एम दानिश खान) जरा आप कल्पना करें आप के जिगर का टुकड़ा बीमार, डॉक्टर्स कह दे रिपोर्ट देख कर गम्भीर हालत है आपके लखते जिगर की, आप बदहवास से हॉस्पिटल के बाहर अपने वाहन की तरफ आते है, तो देखते है मित्र पुलिस का तमगा लगाए हुए उत्तराखंड पुलिस के बहादुर जवान तीमारदारों के गाड़ियों के पहिये बड़ी बेरहमी से सूजे से गोद रहे है। रात के 8 बजे है , अब आपका गुस्सा होना स्वाभाविक है, आपने विरोध किया तो शिष्ट पुलिस के श्री मुख से वो बोल फूटे की कान में पिघला हुआ शीशा सा दर्द फैल जाए, लेकिन जब कई तीमारदार इखट्टे हुए और खाकी वर्दी में लेंस जवानों से कहा अगर हम गलत है तो चालान चस्पा करते, टायर क्यों फाड़े, अब हम रात को कहा जाए, कैसे अपने मरीजो की दवा दारू करे, तो बहादुर जवान नौ दो ग्यारह हो गय।यह वाकया है, 02 सितम्बर रात 08 बजे का, स्थान सुशीला तिवारी हॉस्पिटल रामपुर रॉड, जहाँ डेंगू आदि मरीजो का रेला लगा है, मरीजो के लिए बेड नही, बाइक तक पार्क करने के लिए जगह नही, जगह है तो उन टेम्पो के लिए जो दिन भर रोड पर खड़े होकर सवारी भरते हैं , जगह है उन अवैध एम्बुलेंस की जिनके पास एम्बुलेंस वाहन के लाइसेंस नही, जगह है उन चार पहिया ठेले वालो के लिए जो सड़क जाम में अपनी शानदार भूमिका निभाते हैं, नही जगह है तो उन मरीजो के तीमारदारों के वाहनों के लिए जो पहले से ही परेशान हाल है।औऱ उनकी परेशानी में कोड़ में खाज का काम कर रही है, हल्द्वानी की बहादुर पुलिस, जिसने आज तमाम तीमारदारों की गाड़िया पंचर कर दी, जब मौके पर मौजूद एक वरिष्ठ पत्रकार ने विरोध किया जो पहले से ही अपने बेटे की बीमारी से जूझ रहा है और उसने विरोध किया, तो उसे भी अपमानित किया।
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पूरे घटना कर्म का कड़े शब्दों के निंदा करती है, एवम दोषी पुलिस कर्मियों पर उचित कार्यवाही की मांग भी करती है, अन्यथा उसे आंदोलन के लिये मजबूर होना पड़ेगा।Attachments area

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