अन्नदाता परेशान, कौन खरीदें धान..
उधमसिंह नगर खटीमा (GKM news) प्रदेश सरकार द्वारा एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्र कौन धान खरीद शुरू करने के दावे के बावजूद सरकारी धान क्रय केंद्रों पर नहीं चल रहा है किसानों का धान। धान क्रय केंद्रों पर धान को सुखाने की नहीं है कोई व्यवस्था।जिसके चलते बिचौलियों और कच्चे आढ़तियों को धान बेचने को मजबूर है किसान। प्रदेश सरकार द्वारा भले ही एक अक्टूबर से किसानों के धान खरीद के लिए खटीमा क्षेत्र में 47 सरकारी धान क्रय केंद्र खोलकर धान की खरीद शुरू करने की बात कही जा रही हो। लेकिन किसान अभी भी बिचौलियों को धान बेचने पर मजबूर है। किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह के अनुसार पूरे प्रदेश में एक अक्टूबर से सरकार द्वारा सरकारी धान क्रय क्रय केंद्र खोल कर उन पर धान खरीद शुरू कर दी गई थी। सरकारी धान क्रय केंद्रों में 17 परसेंट की नमी वाला धान खरीदा जा रहा है। साथ ही कच्चे आढ़ती और राइस मिलर को लाइसेंस देकर मंडी समितियों में किसानों का 17 प्रतिशत से अधिक नमी का धान खुली बोली के द्वारा खरीदने की व्यवस्था की गई है। ताकि किसान अपना धान मंडी में लाए तो उसे वापस ना जाना पड़े। 17 प्रतिशत से अधिक नमी का धान खरीदते समय आढ़ती मानक के अनुसार धान में कटौती कर रहे हैं। वहीं इस बार किसानों के धान की ऑनलाइन खरीद की जा रही है। साथ ही धान खरीदने के 48 घंटे के अंदर किसान के खाते में उसके धान की पेमेंट भी दी जा रही है।
बाइट- सरदार राजपाल सिंह उपाध्यक्ष किसान आयोग उत्तराखंड सरकार
– वहीं किसानों का कहना है कि वह अपना धान बिचौलियों को बेचने को मजबूर है। क्योंकि राज्य सरकार ने एक अक्टूबर से धान खरीदने के लिए धान क्रय केंद्र तो खोल दिए हैं लेकिन वहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं है ना तो धान सुखाने के लिये फड़ की व्यवस्था की गई है, और ना ही पंखे की व्यवस्था की गई है। हर किसान के पास अपना धान सुखाने के लिए फड़ की व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए किसान अपना ध्यान सरकारी क्रय केंद्र लेकर जाते हैं तो 17 पर्सेंट से अधिक की नमी बताकर धान खरीदने से मना कर दिया जाता है। जिस कारण उन्हें अपना धान मजबूरी में कच्चे आढ़ती को या बिचौलियों को सस्ते दामों पर बेचना पड़ रहा है। बाइट- करमजीत सिंह पीड़ित किसान वीओ 3- वहीं सरकारी धान क्रय केंद्र के व्यवस्थापक का कहना है 20 सितंबर से धान क्रय केंद्र खोल दिए गए थे और एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्रों पर बारदाना भी आ गया था। जिसके बाद से धान खरीद शुरू कर दी गई थी। परंतु अभी तक किसानों को जो धान धान क्रय केंद्रों पर आ रहा है। वह 17 परसेंट से ज्यादा नमी है, जिस कारण सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान नहीं खरीदा जा रहा है।किसानों का 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाला धान मंडी समितियों में कच्चे आढ़ती और राइस मिलर द्वारा खुली बोली लगाकर खरीदा जा रहा है। बाइट- ललित मोहन जोशी व्यवस्थापक धान क्रय केंद्र मंडी समिति खटीमा
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